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नई दिल्ली:
बॉलीवुड में मिस्टर इंडिया, मासूम, बैंडिट क्वीन जैसी बेहतरीन फिल्मों का डायरेक्शन करने वाले बॉलीवुड के दिग्गज डायरेक्टर शेखर कपूर 6 दिसंबर को अपना 78 वां जन्मदिन मना रहे हैं. बहुत कम लोग जानते हैं कि शेखर कपूर देवानंद के भांजे हैं, लेकिन फिर भी उन्हें बॉलीवुड में अपने पैर जमाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी और उनकी मेहनत का असर ये हुआ कि उनकी फिल्म ऑस्कर तक में नॉमिनेट हुई. आइए आज हम आपको बताते हैं शेखर कपूर के फिल्मी करियर के बारे में.
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पाकिस्तान में जन्में शेखर कपूर
शेखर कपूर का जन्म 6 दिसंबर 1945 को आजादी से पहले लाहौर, पंजाब पाकिस्तान में हुआ था. उनके पिता कुलभूषण कपूर ब्रिटिश काल में डॉक्टर हुआ करते थे. हालांकि, आजादी के बाद शेखर कपूर का परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया. उस समय शेखर के मामा देवानंद बॉलीवुड के बड़े सुपरस्टार थे, ऐसे में उन्होंने भी मुंबई जाने का फैसला किया. बहुत कम लोग जानते हैं कि शेखर कपूर को फिल्म इश्क इश्क इश्क में छोटा सा किरदार मिला था, लेकिन ये फिल्म बुरी तरह से फ्लॉप हो गई. इसके बाद 1975 में शेखर कपूर ने बतौर हीरो जान हाजिर है फिल्म में अभिनय किया, हालांकि वो इस फिल्म में भी ज्यादा कमाल नहीं कर पाए, फिर उन्होंने 1998 में फिल्म टूटे खिलौने में भी बतौर हीरो काम किया, लेकिन इसके बाद उन्होंने फिल्म एक्टिंग छोड़कर डायरेक्शन में हाथ आजमाया.
मासूम फिल्म ने बदली किस्मत
1983 में शबाना आजमी और नसीरुद्दीन शाह की फिल्म मासूम ने उनके करियर को बड़ा ब्रेक दिया और बॉक्स ऑफिस पर इस फिल्म ने शानदार सफलता हासिल की, इसके बाद शेखर कपूर ने 1987 में मिस्टर इंडिया फिल्म बनाई और इस फिल्म ने सफलता की ऐसी इबादत लिखी कि शेखर का नाम पूरी दुनिया में छा गया. 1994 में आई शेखर कपूर की फिल्म बैंडिट क्वीन आज भी इंडियन सिनेमा की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक मानी जाती है. वहीं, 1998 में शेखर कपूर की फिल्म एलिजाबेथ को ऑस्कर में भी नॉमिनेट किया गया था, इसके अलावा पानी, व्हाट’स लव गो टू दो विद इट, द फोर फेदर, विश्वरूपम जैसी कई फिल्में डायरेक्ट कर चुके हैं.
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