Maruti Swift ने लॉन्च होते ही बाज़ार में हलचल मचा दी है, और इसका सबसे बड़ा कारण है सेफ्टी। मारुति ने इस बार अपनी सबसे पॉपुलर हैचबैक के सभी मॉडल्स में 6 एयरबैग्स को स्टैंडर्ड फीचर बना दिया है। लेकिन क्या सिर्फ एयरबैग्स की संख्या बढ़ा देना ही काफी है? आइए जानते हैं इस बड़े अपग्रेड की पूरी सच्चाई।
Maruti Swift सभी मॉडल्स में 6 एयरबैग्स का बड़ा कदम
मारुति सुजुकी ने सेफ्टी को लेकर अपनी छवि बदलने की कोशिश की है। नई स्विफ्ट के बेस मॉडल (LXi) से लेकर टॉप मॉडल (ZXi+) तक, सभी में 6 एयरबैग्स (फ्रंट, साइड और कर्टेन) दिए गए हैं। यह पहली बार है जब स्विफ्ट में इतने बड़े सेफ्टी फीचर को स्टैंडर्ड किया गया है, जो खरीदारों के लिए एक बहुत बड़ा प्लस पॉइंट है।
Maruti Swift एयरबैग्स के अलावा और क्या है खास?
सिर्फ एयरबैग्स ही नहीं, मारुति ने नई स्विफ्ट में कुछ और जरूरी सेफ्टी फीचर्स भी शामिल किए हैं। ये फीचर्स गाड़ी को स्टेबल रखने और दुर्घटना से बचाने में मदद करते हैं।
- इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी प्रोग्राम (ESP): गाड़ी को फिसलने या कंट्रोल खोने से बचाता है।
- हिल होल्ड असिस्ट: चढ़ाई पर गाड़ी को पीछे लुढ़कने से रोकता है।
- ABS के साथ EBD: अचानक ब्रेक लगाने पर टायर्स को लॉक होने से रोकता है।
- ISOFIX चाइल्ड सीट एंकरेज: बच्चों की सेफ्टी सीट को आसानी से और सुरक्षित तरीके से लगाने की सुविधा।

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सबसे बड़ा सवाल: क्रैश टेस्ट रेटिंग कहाँ है?
6 एयरबैग्स और दूसरे सेफ्टी फीचर्स देना एक शानदार शुरुआत है, लेकिन असली परीक्षा क्रैश टेस्ट में होती है। अभी तक नई 2024 स्विफ्ट का भारत NCAP या ग्लोबल NCAP द्वारा क्रैश टेस्ट नहीं किया गया है। याद दिला दें कि पिछली जनरेशन वाली स्विफ्ट को ग्लोबल NCAP में सिर्फ 1-स्टार रेटिंग मिली थी, जो उसकी कमजोर बॉडी शेल की वजह से थी। इसलिए, जब तक नई स्विफ्ट की क्रैश टेस्ट रेटिंग सामने नहीं आती, इसकी असल मजबूती पर सवाल बना रहेगा।
क्या सेफ्टी में दूसरों से आगे निकल पाएगी?
बाज़ार में स्विफ्ट का मुकाबला हुंडई ग्रैंड i10 निओस और टाटा पंच जैसी गाड़ियों से है। हुंडई भी अपनी निओस में 6 एयरबैग्स स्टैंडर्ड दे रही है, जबकि टाटा पंच को ग्लोबल NCAP से 5-स्टार की सेफ्टी रेटिंग मिली हुई है। ऐसे में मारुति के लिए सिर्फ एयरबैग्स के दम पर मुकाबला करना चुनौती भरा होगा। असल फैसला क्रैश टेस्ट के नतीजों के बाद ही होगा।
निष्कर्ष
नई मारुति स्विफ्ट में 6 एयरबैग्स को स्टैंडर्ड बनाना यकीनन एक स्वागत योग्य कदम है। यह दिखाता है कि कंपनी भारतीय ग्राहकों की सेफ्टी को गंभीरता से ले रही है। हालांकि, एक कार की सेफ्टी सिर्फ एयरबैग्स पर नहीं, बल्कि उसकी मज़बूत बनावट पर भी निर्भर करती है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट और आम स्रोतों से ली गई है। कीमतें और फीचर्स समय के साथ बदल सकते हैं। इसलिए कुछ भी खरीदने से पहले आधिकारिक वेबसाइट या डीलर से जानकारी जरूर जांच लें।