Tata Nexon और Safari के मालिकों ने बताई वो सच्चाई, जो कंपनी भी छिपाती है।

Published On: August 2, 2025
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Tata Safari Tata Nexon

Tata Motors आज भारतीय बाज़ार में सुरक्षा और डिज़ाइन का दूसरा नाम बन चुकी है। Tata Nexon और Safari जैसी गाड़ियाँ लाखों लोगों की पसंद हैं। लेकिन इन शानदार गाड़ियों के मालिक कुछ ऐसी सच्चाइयों का सामना कर रहे हैं, जिनकी चर्चा शोरूम में कभी नहीं होती। आइए जानते हैं ओनर्स के अनुभव पर आधारित वो बातें जो कंपनी भी छिपाती है।

Tata Nexon शानदार Build Quality, लेकिन Finishing में कमी

Tata की गाड़ियों को उनकी मज़बूत लोहे जैसी बॉडी के लिए जाना जाता है, जो सुरक्षा में अव्वल है। लेकिन कई मालिक गाड़ी घर लाने के बाद छोटी-छोटी बातों से परेशान हो जाते हैं।

  • पैनल गैप्स: दरवाज़ों, बोनट और बूट के बीच असमान गैप्स दिखना आम है।
  • Rattling साउंड: केबिन के अंदर से डैशबोर्ड या दरवाज़ों से कुछ समय बाद ही खड़खड़ाहट की आवाज़ें आने लगती हैं, जो ड्राइविंग अनुभव को खराब करती हैं।

Software नहीं, सिरदर्द! Infotainment की कहानी

Tata nexon

आज की गाड़ियों में टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम एक बड़ा फ़ीचर है, लेकिन Tata की गाड़ियों में यही कई बार सिरदर्द बन जाता है। ओनर्स ने इन समस्याओं की शिकायत की है:

  • सिस्टम का हैंग होना: इंफोटेनमेंट स्क्रीन का अचानक फ्रीज़ हो जाना या काम करना बंद कर देना।
  • धीमा रिस्पॉन्स: टच का रिस्पॉन्स अक्सर धीमा होता है, जिससे इसे इस्तेमाल करना मुश्किल हो जाता है।
  • कनेक्टिविटी की समस्या: Apple CarPlay और Android Auto का बार-बार डिस्कनेक्ट होना।

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Service Center का अनुभव: उम्मीद से बिलकुल अलग

गाड़ी ख़रीदना एक बात है और उसे मेंटेन रखना दूसरी। Tata के सर्विस नेटवर्क में सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी कई मालिक सर्विस सेंटर के अनुभव से नाखुश हैं। मुख्य शिकायतों में शामिल हैं:

  • समस्याओं का हल न होना: बार-बार शिकायत करने पर भी समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं मिल पाता।
  • लंबा इंतज़ार: छोटी-मोटी मरम्मत के लिए भी गाड़ी को कई दिनों तक सर्विस सेंटर में छोड़ना पड़ सकता है।
  • अनावश्यक शुल्क: कुछ ग्राहकों ने बिलिंग में अनावश्यक शुल्क जोड़े जाने की भी शिकायत की है।

Tata Nexon छोटी-मोटी दिक्कतें जो बनती हैं बड़ी परेशानी

इन बड़ी समस्याओं के अलावा, कुछ छोटी-छोटी बातें भी हैं जो ओनर्स के लिए लगातार परेशानी का सबब बनती हैं।

गाड़ीआम समस्या
Tata Safariसनरूफ़ से जुड़ी दिक्कतें और इलेक्ट्रॉनिक्स में छोटे-मोटे ग्लिच।
Tata Nexonडीज़ल मॉडल में DPF (डीज़ल पार्टिकुलेट फ़िल्टर) की समस्या।

ये वो बातें हैं जो किसी भी गाड़ी के मालिक के अनुभव को अच्छा या बुरा बना सकती हैं। Tata की गाड़ियाँ बेशक दमदार हैं, लेकिन इन कमियों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।

निष्कर्ष

Tata Motors ने भारतीय ऑटोमोबाइल बाज़ार में एक मज़बूत जगह बनाई है, लेकिन ग्राहकों का भरोसा बनाए रखने के लिए इन समस्याओं पर ध्यान देना ज़रूरी है। ओनर्स की शिकायतें कंपनी के लिए एक आईना हैं, जिसे देखकर वो अपनी गाड़ियों और सर्विस को और बेहतर बना सकती है।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट और आम स्रोतों से ली गई है। कीमतें और फीचर्स समय के साथ बदल सकते हैं। इसलिए कुछ भी खरीदने से पहले आधिकारिक वेबसाइट या डीलर से जानकारी जरूर जांच लें।

Rahul Mehta

राहुल मेहता एक अनुभवी ऑटोमोटिव जर्नलिस्ट और कार एक्सपर्ट हैं, जिनका ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में 12+ सालों का अनुभव है। उन्होंने दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (DTU) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की और बाद में टाटा मोटर्स व महिंद्रा जैसी अग्रणी कंपनियों में काम किया। कार डिजाइन, इंजन परफॉर्मेंस और इंडियन रोड कंडीशन के अनुसार गाड़ियों की समीक्षा में उनकी गहरी समझ EEAT के सभी तत्वों को दर्शाती है। स्थान: नई दिल्ली, भारत भाषा: हिंदी, अंग्रेज़ी योग्यता: B.Tech in Mechanical Engineering – DTU अनुभव: 12+ साल (टाटा मोटर्स, महिंद्रा R&D, ऑटोब्लॉग इंडिया)