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जनजातीय कार्य मंत्रालय

भारत के सभी आकांक्षी जिलों में जनजातीय समूहों के लिए वन धन पहल को लागू करने के लिए ट्राइफेड और नीति आयोग के बीच साझेदारी

प्रविष्टि तिथि: 24 MAY 2021 
 

प्रधानमंत्री के आह्वान “आत्मनिर्भर भारत” को “बी वोकल फॉर लोकल बाइ ट्राइबल” के नारे के साथ संरेखित करते हुए, “सबका साथसबका विकास” के लक्ष्य को वास्तविकता में बदलने की दिशा मेंट्राइफेड अब उन जिलों में वन धन योजना को लागू करने के लिए नीति आयोग के साथ साझेदारी करेगाजिनकी पहचान नीति आयोग द्वारा आकांक्षी जिलों के रूप में की गई है।

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श्री अमिताभ कांत, सीईओ, नीति आयोग और श्री प्रवीर कृष्ण, प्रबंध निदेशक, ट्राईफेड के बीच हाल ही में हुई चर्चा के आधार पर यह निर्णय लिया गया है कि नीति आयोग की टीम के साथ ट्राईफेड की एक समर्पित टीम, 39 जनजातीय आकांक्षी जिलों के प्रत्येक जिले में वन धन योजना को लागू करने के लिए एक अनुवर्ती योजना तैयार करेगी। इनमें आंध्र प्रदेशअसमछत्तीसगढ़गुजरातझारखंडमध्य प्रदेशमहाराष्ट्रमणिपुरमेघालयमिजोरमनागालैंडओडिशातेलंगाना और त्रिपुरा के जिले शामिल हैं। इस समझौते के लिए, जून के पहले सप्ताह में सभी जिलों के जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने की योजना बनाई जाएगी।

इस एसोसिएशन के एक भाग के रूप मेंउन आकांक्षी जिलों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा जहां पर जनजातीय आबादी 50% से ज्यादा है। जनजातीय विकास कार्यक्रम की विस्तार योजना के अंतर्गतइन जनजातीय आकांक्षी जिलों में फैले हुएअतिरिक्त 9,900 वीडीवीके को 659 वीडीवीके क्लस्टरों में शामिल करने की परिकल्पना की गई है। वर्तमान समय में, इन जिलों में 5,325 वीडीवीके को 355 वीडीवीके क्लस्टरों में शामिल किया गया है, इससे लगभग 2 लाख जनजातीय परिवारों के रोजगार सृजन में बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

इस एसोसिएशन के माध्यम से नीति आयोग, ट्राईफेड का समर्थन विभिन्न मंत्रालयों के अनुच्छेद 275 (1)डीएमएफ और एसटीसी घटक के साथ मिशन केसंमिलन की अवधारणा में करेगा और प्रभावी कार्यान्वयन और फीडबैक के लिए पेशेवर निगरानी और संवर्धन में भी मदद करेगा।

वन धन जनजातीय स्टार्ट-अप, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के माध्यम से लघु वन उत्पाद (एमएफपी) के विपणन के लिए तंत्र और एमएफपी योजना के लिए मूल्य श्रृंखला विकास योजना, जो वन उत्पादों के संग्रहकर्ताओं को एमएसपी प्रदान करती है और जनजातीय समूहों और क्लस्टरों के माध्यम से मूल्यवर्धन और विपणन शुरू करती है, ट्राइफेड और जनजातीय कार्य मंत्रालय की कई पहलों में से हैंजो जनजातीय आबादी के लिए रोजगार और आमदनी सृजन करके मददगार साबित हुई हैं।

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वन धन जनजातीय स्टार्ट-अप्स, वन आधारित जनजातियों के सतत आजीविका निर्माण को सुगम बनाने के लिए,वन धन केंद्रों की स्थापना करके मूल्यवर्धनलघु वन उत्पादों की ब्रांडिंग और विपणन करने का एक कार्यक्रम है।

अब तक 300 वनवासियों के लिए 2,224 वन धन विकास केंद्र क्लस्टरों (वीडीवीकेएस) में शामिल 37,259 वन धन विकास केंद्रों (वीडीवीकेएस) को ट्राईफेड द्वारा मंजूरी प्रदान की गई है। एक सामान्य वन धन विकास केंद्र में 20 जनजातीय सदस्य शामिल होते हैं। ऐसे 15 वन धन विकास केंद्र मिलकर 1 वन धन विकास केंद्र क्लस्टर बनाते हैं। वन धन विकास केंद्र क्लस्टर, 23 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 6.67 लाख जनजातीय वन संग्रहकर्ताओं को श्रेणीआजीविका और बाजार-संपर्क के साथ-साथ उद्यमिता के अवसर प्रदान करेंगे। वन धन स्टार्टअप कार्यक्रम से अब तक जनजाति समुदाय के 50 लाख लोग लाभान्वित हुए हैं।

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    Mohd Aman

    Editor in Chief Approved by Indian Government

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