पीएम गति शक्ति- बीआईएसएजी-एन टीम ने संबंधित विभागों के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ क्षमता निर्माण अभ्यास किया
केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों के डेटा अपडेट का कार्य माह के अंत तक पूरा होने की उम्मीद
डीपीआईआईटी अगले दो महीनों के दौरान सभी राज्यों के लिए क्षमता निर्माण अभ्यास के लिए 6 क्षेत्रीय सम्मेलनों का आयोजन करेगा
पीएम गतिशक्ति लागत दक्षता और प्रतिस्पर्धात्मकता लाने के साथ-साथ प्रचालन दक्षता में सुधार करेगा
पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान को बीआईएसएजी-एन (भास्कराचार्य नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लिकेशन एंड जियोइनफॉरमैटिक्स) द्वारा एक गतिशील भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) प्लेटफॉर्म में तैयार किया गया है, जिसमें सभी मंत्रालयों/विभागों की विशिष्ट कार्य योजना पर डेटा को एक व्यापक डेटाबेस भीतर शामिल किया जा रहा है। सिस्टम को भविष्य में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट टूल्स, डायनेमिक डैशबोर्ड, एमआईएस रिपोर्ट जनरेशन आदि के साथ डिजिटल मास्टर प्लानिंग टूल के रूप में विकसित किया जाएगा।
प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए, भारत सरकार के तहत संबंधित मंत्रालयों और विभागों के वरिष्ठ स्तर के अधिकारियों के साथ बीआईएसएजी-एन टीम द्वारा क्षमता निर्माण अभ्यास का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य एक ही मंच में अपनी मौजूदा/नियोजित परियोजनाओं पर डेटा को एकीकृत और समक्रमिक करना है। वर्तमान में जारी यह अभ्यास बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, बिजली मंत्रालय, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, वस्त्र मंत्रालय, दूरसंचार विभाग आदि के लिए पहले ही प्रारंभ किया जा चुका है।
यह विस्तृत अभ्यास राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अद्यतन के लिए संबंधित विभागों और बीआईएसएजी-एन के बीच डेटा के आदान-प्रदान को चिह्नित करेगा। यह अभ्यास विभागों को जीआईएस उपकरण के बारे में बेहतर जानकारी हासिल करने में मदद करेगा और उन्हें अन्य ढांचागत परियोजनाओं के समन्वय में अपनी परियोजनाओं की समय-सीमा को प्राथमिकता देने और योजना बनाने में सक्षम बनाएगा। इससे प्रचालन तंत्र की दक्षता बढ़ेगी और इससे भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार होगा।
बुनियादी संरचना मंत्रालय राष्ट्रीय मास्टर प्लान पोर्टल में मौजूदा और प्रस्तावित बुनियादी ढांचे का अद्यतनीकरण सुनिश्चित कर रहे हैं। इसी तरह, आर्थिक मंत्रालय देश में मौजूदा आर्थिक क्षेत्रों को अपडेट कर रहे हैं।
इस अभ्यास से बुनियादी सुविधाओं में न सिर्फ अंतर की पहचान की जा सकेगी बल्कि आर्थिक क्षेत्रों की आवश्यकता की भी जानकारी ली जा सकेगी। इस तरह के अंतर विश्लेषण की जांच नेटवर्क योजना समूह द्वारा की जाएगी। बुनियादी संरचना में अनुशंसित अंतर को संबंधित बुनियादी ढांचा मंत्रालयों द्वारा प्राथमिकता के आधार पर लिया जाएगा, इस प्रकार प्रचालन दक्षता लायी जाएगी। बुनियादी सुविधाओं के स्तर को अद्यतन करने से आर्थिक मंत्रालयों द्वारा नए आर्थिक क्षेत्रों का पता लगाने के मामले में निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
सभी आर्थिक मंत्रालयों को यह भी सलाह दी गई है कि वे बुनियादी ढांचागत कमियों की पहचान की दिशा में कार्य करें ताकि ऐसी परियोजनाओं को मिशन मोड में लिया जा सके। उम्मीद है कि महीने के अंत तक केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों द्वारा डेटा अपडेट करने का काम पूरा कर लिया जाएगा।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने देश के सभी राज्यों के लिए समान कार्य अभ्यास करने के लिए अगले दो महीनों के दौरान 6 क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया है। यह आशा की जाती है कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा संपूर्ण बुनियादी ढांचे और आर्थिक क्षेत्रों के अद्यतन के साथ, बुनियादी सुविधाओं और आर्थिक मंत्रालयों के लिए वास्तविक समय में निर्णय लेने का राष्ट्रीय मास्टर प्लान एक साधन बन जाएगा। यह लागत दक्षता और प्रतिस्पर्धात्मकता लाएगा और इस प्रकार से देश में प्रचालन दक्षता में सुधार करेगा।
***