पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में इस साल 11.89 % अधिक गेहूं की खरीद की गई
अब तक लगभग 432.83 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 386.83 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई थी
मौजूदा सत्र में गेहूं खरीद कार्य से लगभग 49.07 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं
वर्तमान खरीफ विपणन सत्र 2020-21 और रबी विपणन सत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 853.89 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदा गया, लगभग 125.99 लाख किसान इस खरीद कार्य से लाभान्वित हुए हैं
सरकारी एजेंसियों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 9,37,396.81 मीट्रिक टन दलहन और तिलहन ख़रीदा है
गेहूं की खरीद वर्तमान रबी विपणन सत्र 2021-22 के लिए इसकी खरीद वाले राज्यों में सुचारु रूप से जारी है, जिस तरह से पिछले सत्रों में होती रही है। अब तक (27.06.2021 तक) 432.83 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है (जो कि अब तक की खरीद का सबसे उच्चतम स्तर है, क्योंकि इसने आरएमएस 2020-21 के पिछले उच्च स्तर 389.92 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद के आंकड़े को पार कर लिया है), जबकि पिछले साल की इसी समान अवधि में 386.83 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था। राजस्थान में गेहूं की खरीद अब तक के उच्चतम स्तर 23.19 लाख मीट्रिक टन पर पहुंच गई है।
लगभग 49.07 लाख किसान मौजूदा रबी विपणन सत्र में एमएसपी मूल्यों पर हुए खरीद कार्यों से लाभान्वित हो चुके हैं और उन्हें 85,483.25 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
वर्तमान खरीफ 2020-21 में धान की खरीद इसकी बिक्री वाले राज्यों में सुचारू रूप से जारी है। 27.06.2021 तक 853.89 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान का क्रय किया जा चुका है (इसमें खरीफ फसल का 707.76 लाख मीट्रिक टन और रबी फसल का 146.13 लाख मीट्रिक टन धान शामिल है), जबकि पिछले वर्ष की इसी समान अवधि में 753.25 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया था।
मौजूदा खरीफ विपणन सत्र में लगभग 125.99 लाख किसानों को पहले ही एमएसपी मूल्य पर 1,61,213.98 करोड़ रुपये का भुगतान करके खरीद कार्य से लाभान्वित किया जा चुका है। धान की खरीद भी सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई है और इसने खरीफ विपणन सत्र 2019-20 के पिछले उच्च स्तर 773.45 लाख मीट्रिक टन के आंकड़े को पार कर लिया है।
इसके अलावा, प्रदेशों से मिले प्रस्ताव के आधार पर तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से खरीफ विपणन सत्र 2020-21 एवं रबी विपणन सत्र 2021 तथा ग्रीष्म सत्र 2021 के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 108.42 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद को भी मंजूरी प्रदान की गई थी। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों से 1.74 लाख मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) को क्रय करने के लिए भी स्वीकृति दी गई है। यदि अधिसूचित फ़सल अवधि के दौरान संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बाजार की दरें एमएसपी से नीचे चली जाती हैं, तो राज्य की नामित ख़रीद एजेंसियों के माध्यम से केंद्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के अंतर्गत दलहन, तिलहन और खोपरा फसल की खरीद के प्रस्तावों की प्राप्ति पर भी मंजूरी दी जाएगी, ताकि पंजीकृत किसानों से वर्ष 2020-21 के लिए अधिसूचित किये गए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सीधे इन फसलों के एफएक्यू ग्रेड की खरीद की जा सके।
खरीफ 2020-21 और रबी 2021 के तहत 27.06.2021 तक सरकार द्वारा अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से 9,37,396.81 मीट्रिक टन मूंग, उड़द, अरहर, चना, मसूर, मूंगफली की फली, सूरजमुखी के बीज, सरसों के बीज और सोयाबीन की खरीद एमएसपी मूल्यों पर की गई है। इस खरीद से तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा, ओडिशा और राजस्थान के 5,66,630 किसानों को 4,881.58 करोड़ रुपये की आय हुई है।
इसी तरह से, फसल सत्र 2020-21 के दौरान 5,089 मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों से की गई है। इसके लिए 3,961 किसानों को लाभान्वित करते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 52 करोड़ 40 लाख रुपये की अदायगी की गई है। विपणन सत्र 2021-22 के लिए तमिलनाडु से 51000 मीट्रिक टन खोपरा खरीदने की मंजूरी दी गई है, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा निर्धारित तिथि से खरीद कार्य प्रारम्भ कर दिया जायेगा।
संबंधित राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश की सरकारें दलहन और तिलहन की आवक के आधार पर संबंधित राज्यों द्वारा तय की गई तारीख से खरीद शुरू करने के लिए आवश्यक व्यवस्था कर रही हैं।
***