लखनऊ. जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में पार्टी को मिली हार के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का मूड गर्म हैं। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष के जरिए सूबे के सभी जिलाध्यक्षों के साथ महासचिव से भितरघात करने वाले पंचायत सदस्यों के साथ ही नेताओं की रिपोर्ट तैयार कर 7 जुलाई को दिए जाने का आदेश दिया है। जिसके चलते सपा पदाधिकारियों में हड़कंप है।
यूपी में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। भाजपा को 75 में से 67 सीटों पर जीत मिली है। जबकि समाजवादी पार्टी के महज 5 जिला पंचायत अध्यक्ष जीते। कानपुर नगर में समाजवादी पार्टी के 11 तो वहीं देहात में 13 सदस्य जीत कर आए थे। दोनों जनपदों में सपा को 5-5 वोट मिले। ऐसे में समाजवदी पार्टी के कई सदस्य बीजेपी के पाले में चले गए और पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।
कार्यवाही चाहते हैं नेता
सपा की हार के बाद पार्टी के नेताओं का कहना है कि अगर सही समय पर इन भितरघातियों पर कार्यवाही नहीं हुई तो आने वाले समय में ये नासूर बन सकते हैं। इसी के चलते अखिलेश यादव ने जिलाध्यक्षों से रिपोर्ट बनाकर देने को कहा है। सूत्रों की मानें तो 2022 से पहले 75 में से कई जिलों के संगठन पर पार्टी फेरबदल करने के साथ ही भितरघात करने वालों को बाहर का रास्ता दिखा सकती है।
रालोद ने की कार्यवाही
पश्चिमी यूपी में राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने जिला पंचायत चुनाव में हार का सामना करने के बाद पार्टी खेमे में बड़ा फेरबदल किया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन जिलों में रालोद के जिलाध्यक्षों को हटा दिया है। रालोद ने मुजफ्फरनगर, बिजनौर व शामली में वर्तमान जिलाध्यक्षों को हटाकर नए जिलाध्यक्ष नियुक्त किए हैं।