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पुलिस ने टावरों से 450 मीटर की दूरी पर एक मिनी कंट्रोल रूम भी बनाया है.
नोएडा:
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावर्स को आज जमींदोज किए जाने से पहले, कई एनजीओ के कार्यकर्ताओं ने ब्लास्ट एरिया से स्ट्रीट डॉग्स को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. गैर सरकारी संगठनों का एक संयुक्त दल यह सुनिश्चित करने में लगा है कि विध्वंस स्थल के आसपास एक भी स्ट्रीट डॉग न छूट जाए.
एनजीओ के एक सदस्य ने कहा, “हमने आज लगभग 30-35 कुत्तों को बचाया है. हम उनमें से हर एक को बाहर निकालने पर काम कर रहे हैं.”
बता दें कि ट्विन टावरों में 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक लोड किए गए हैं, जिन्हें दोपहर 2.30 बजे ध्वस्त किया जाना है. इसे देखते हुए पुलिस अधिकारियों ने संभावित दुर्घटनाओं से बचने के लिए आकस्मिक उपायों की एक श्रृंखला स्थापित की है.
इसके तहत 450 मीटर का विस्फोट क्षेत्र बनाया गया है. इसके अतिरिक्त, निगरानी के लिए सात सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और एनडीआरएफ की दो टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया है. पुलिस ने टावरों से 450 मीटर की दूरी पर एक मिनी कंट्रोल रूम भी बनाया है.
विस्फोट के बाद प्रदूषण के स्तर की निगरानी के लिए विध्वंस स्थल पर एक विशेष धूल मशीन लगाई गई है. आपात स्थिति में दमकल की आठ गाड़ियों और छह एंबुलेंस को स्टैंडबाय मोड पर रखा गया है.
अधिकारियों की सहायता के लिए एनडीआरएफ की दो टीमों के अलावा, 560 पुलिसकर्मियों और रिजर्व बलों के 100 से अधिक जवानों को भी तैनात किया गया है. पुलिस के अनुसार, एक्सप्रेसवे दोपहर 2.15 बजे बंद कर दिया जाएगा और विस्फोट के आधे घंटे बाद फिर से खोल दिया जाएगा.
एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) ने अधिकारियों से क्षेत्र में पक्षियों को बचाने के लिए, ट्विन टावरों को तोड़े जाने से ठीक पहले एक ‘डमी’ विस्फोट या झूठमूठ की गोलीबारी करने का अनुरोध किया है.
‘हाउस ऑफ स्ट्रे एनिमल्स’, ‘फ्रेंडिकोज’, ‘सोसाइटी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स’ (एसपीसीए) और ‘हैप्पी टेल्स फाउंडेशन’ सहित कई गैर सरकारी संगठनों ने आवारा कुत्तों को अस्थायी रूप से स्थानांतरित करने के लिए काम किया है.
सुपरटेक ट्विन टावर के पास स्थित दो सोसायटी के लगभग 5,000 निवासियों को दोपहर ढाई बजे निर्धारित विस्फोट के मद्देनजर वहां से निकाल लिया गया है.
‘हाउस ऑफ स्ट्रे एनिमल्स’ के संस्थापक, संजय महापात्रा ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों से क्षेत्र में पक्षियों को विस्फोट से बचाने के लिए एक ‘डमी’ विस्फोट करने का अनुरोध किया है.
महापात्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”हम इन आवारा पशुओं को विध्वंस के प्रभाव से बचाने के लिए आठ अगस्त से योजना बना रहे हैं और काम कर रहे हैं. हमने संबंधित अधिकारियों से पहले दो या तीन बार झूठमूठ की गोलीबारी या ‘डमी’ विस्फोट करने का भी अनुरोध किया ताकि विस्फोटों के कारण पक्षी प्रभावित न हों.”