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Pranayama benefits : प्राणायाम शब्द, जो संस्कृत के शब्द ‘प्राण’ से बना है, जिसका अर्थ है महत्वपूर्ण ऊर्जा और ‘यम’ जिसका अर्थ है नियंत्रण, इसमें सांस लेने की विभिन्न तकनीकें शामिल हैं. जब शरीर में ऊर्जा की कमी होती है, तो व्यक्ति उदासीन, आलसी और महसूस करता है. सुस्ती के कारण शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा हो जाते हैं, जो प्रणायाम करने से बाहर निकाल जाते हैं वायु के सहारे, लेकिन आपको इसे करने का सही तरीका पता होना चाहिए तभी इसके लाभ आपको मिल सकेंगे.शरीर में हो गई है खून की कमी तो गुड़ के साथ खा लीजिए यह चीज, प्लेटलेट्स काउंट जाता है बढ़
कैसे करें प्राणायाम
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किसी भी व्यायाम का अधिकतम स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए सही तकनीक का उपयोग करना जरूरी है.
प्राणायाम के किसी भी रूप का अभ्यास करने के लिए, सुखासन ( क्रॉस-लेग्ड पोज) या पद्मासन जैसी आरामदायक स्थिति में सीधे बैठें. कपालभाति के लिए आप वज्रासन में बैठ सकते हैं (घुटने मोड़कर और निचले अंगों पर पीठ रखकर बैठने की एक मुद्रा, ताकि नितंब एड़ियों पर और जांघें पिंडलियों पर टिकी रहें). अपनी आंखें बंद करके बैठ जाएं.
प्राणायाम करने के फायदे
प्राणायाम में धीमी गहरी सांस लेने से मन को आराम मिलता है और जो लोग अस्थमा की बीमारी से पीड़ित हैं उन्हें दौरे कम हो सकते हैं. प्राणायाम वायुमार्ग के स्राव को साफ कर सकता है और फेफड़ों को मजबूत रखता है. यह सांस लेने के दौरान श्वसन मांसपेशियों की कार्यप्रणाली को बढ़ा सकता है, जिससे उन्हें मजबूती मिलती है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.