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जया प्रदा
– फोटो : सोशल मीडिया
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आचार संहिता के उल्लंघन के दो मामलों में पूर्व सांसद जयाप्रदा को एमपी-एमएलए कोर्ट ने झटका दिया है। कोर्ट ने उनके अधिवक्ता की दलील को खारिज करते हुए गैर जमानती वारंट जारी रखने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही एसपी को पत्र लिखकर उनकी गिरफ्तारी कर कोर्ट में पेश करने को कहा है।
कोर्ट की ओर से उनके जमानतियों को भी नोटिस जारी किए हैं। अब इस मामले की सुनवाई 19 दिसंबर को होगी। स्वार और केमरी थाने में लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व सांसद जयाप्रदा के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में 2019 में दो मुकदमे कायम कराए गए थे। यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
स्वार में दर्ज एक मामले में अभियोजन की गवाही पूरी हो चुकी है और पूर्व सांसद को अपने बयान दर्ज कराने हैं। इसके बाद भी वह बयान दर्ज कराने कोर्ट नहीं पहुंच रही है। केमरी थाने में दर्ज आचार संहिता उल्लंघन के मामले में अभियोजन की गवाही चल रही है, लेकिन पूर्व सांसद इस केस में कोर्ट में हाजिर नहीं हुई।
कोर्ट लगातार दोनों मामलों में गिरफ्तारी वारंट जारी कर चुकी है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता असगर ने पूर्व सांसद की ओर से गैर जमानती वारंट को निरस्त करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया। इसका अभियोजन की ओर से विरोध किया गया।
दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने पूर्व सांसद का प्रार्थना पत्र खारिज करते हुए उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। साथ ही पुलिस अधीक्षक को आदेश दिए हैं कि आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करें। कोर्ट ने उनके जमानतियों को भी नोटिस जारी किया है। इस मामले की अगली सुनवाई 19 दिसंबर को होगी।