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नई दिल्ली:
भारत के नए मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित (CJI UU Lalit) ने शुक्रवार को न्यायपालिका (Judiciary) के प्रमुख के रूप में अपने 74 दिनों के कार्यकाल के दौरान तीन क्षेत्रों पर काम करने का इरादा जताया. उन्होंने कहा कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे कि सुप्रीम कोर्ट में कम से कम एक संविधान पीठ साल भर काम करे. शनिवार को 49वें CJI बनने वाले जस्टिस ललित ने कहा कि अन्य दो क्षेत्र हैं – शीर्ष अदालत में सुनवाई के लिए मामलों को सूचीबद्ध करना और जरूरी मामलों को मेंशन करना.
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने निवर्तमान सीजेआई एनवी रमना को विदाई देने के लिए एक समारोह आयोजित किया. इस समारोह में जस्टिस ललित ने कहा कि उनका हमेशा से मानना है कि शीर्ष अदालत की भूमिका स्पष्टता के साथ सर्वोत्तम संभव तरीके से कानून को सामने रखना है. जितनी जल्दी हो सके बड़ी बेंचों का गठन करना है ताकि मुद्दों को तुरंत स्पष्ट किया जा सके.
उन्होंने कहा, “इसलिए, हम यह कहने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे कि हां, हमारे पास पूरे साल कम से कम एक संविधान पीठ हमेशा काम करेगी.”
जस्टिस ललित ने कहा कि जिन क्षेत्रों में वह काम करना चाहते हैं उनमें से एक संविधान पीठों के समक्ष मामलों की सूची और विशेष रूप से तीन जजों की पीठ को भेजे गए मामलों के बारे में है. मामलों की लिस्टिंग करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा, … अत्यावश्यक मामलों को मेंशन करने के संबंध में वह निश्चित रूप से गौर करेंगे.