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वस्‍त्र मंत्रालय

श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने बच्चों के मस्तिष्क के विकास पर खिलौनों के प्रभाव पर शोध का आह्वान किया

शिक्षा मंत्रालय के तत्वावधान में अनुसंधान निकायों से टिकाऊ खिलौनों की संभावनाओं पर गौर करने के लिए आग्रह किया

प्रविष्टि तिथि: 22 JUN 2021 
 

केंद्रीय कपड़ा और महिला एवं बाल विकास मंत्रीश्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने शिक्षा मंत्रालय के तत्वावधान में काम कर रहे अनुसंधान निकायों से टिकाऊ खिलौनों की संभावनाओं का पता लगाने का आग्रह किया है। श्रीमती ईरानी और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री श्री संजय धोत्रे ने आज टॉयकैथॉन 2021 के ग्रैंड फिनाले का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। उद्घाटन सत्र में शिक्षा मंत्रालय में उच्च शिक्षा सचिव श्री अमित खरेश्री उपेंद्र प्रसाद सिंहसचिवकपड़ा मंत्रालयऔर अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषदएआईसीटीई के अध्यक्षप्रोअनिल डीसहस्रबुद्धेउपस्थित थे।

टॉयकैथॉन 2021 को शिक्षा मंत्रालयमहिला और बाल विकास मंत्रालयसूक्ष्मलघु और मध्यम उद्यम मंत्रालयडीपीआईआईटीकपड़ा मंत्रालयसूचना और प्रसारण मंत्रालय और एआईसीटीई द्वारा संयुक्त रूप से 5 जनवरी 2021 को जन भागीदारी द्वारा अभिनव खिलौने और खेल के विचार प्रस्तुत करने के लिए शुरू किया गया था। पूरे देश से लगभग 1.2 लाख प्रतिभागियों ने टॉयकैथॉन 2021 के लिए 17000 से अधिक विचारों को पंजीकृत और प्रस्तुत कियाजिनमें से 1567 विचारों को 22 जून से 24 जून तक आयोजित होने वाले तीन दिनों के ऑनलाइन टॉयकैथॉन ग्रैंड फिनाले के लिए चुना किया गया है। कोविड -19 प्रतिबंधों के कारणइस ग्रैंड फिनाले में डिजिटल खिलौने के विचार प्रस्तुत करने वाली टीमें होंगीजबकि गैरडिजिटल खिलौना धारणा के लिए एक अलग से वास्तविक रूप से प्रतियोगिता का आयोजित किया जाएगा। भारत के घरेलू बाजार के साथसाथ वैश्विक खिलौना बाजार हमारे विनिर्माण क्षेत्र के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान करता है। टॉयकैथॉन-2021 का उद्देश्य भारत में खिलौना उद्योग को बढ़ावा देना है ताकि खिलौना बाजार के व्यापक हिस्से पर कब्जा करने में मदद मिल सके।

इस अवसर पर अपने सम्बोधन में श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने उस क्षण को ऐतिहासिक बताया जब देश का पहला खिलौना हैकैथॉन दुनिया को समर्पित किया जा रहा है। कपड़ा मंत्री ने टॉयकैथॉन 2021 में विचार प्रस्तुत करने वाली व्यक्तिगत टीमों की सराहना की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस टॉयकैथॉन ग्रैंड फिनाले में प्रस्तुत किए गए बहुत से विचारों का व्यावसायीकरण किया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि खिलौनों का बच्चों की साइकोमोटर क्षमताओं पर बहुत प्रभाव पड़ता हैउनकी स्मृति कौशल पर प्रभाव पड़ता है और बच्चे की भविष्य की स्वायत्तता सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ी जिम्मेदारी पैदा होती है।

 

उन्होंने चिंता व्यक्त की कि हमारे बच्चे जिन 85 प्रतिशत खिलौनों के साथ खेल रहे हैंवे आयातित हैं और मुख्य रूप से प्लास्टिक से बने हैं। सतत विकास के लिए प्रधानमंत्री की वैश्विक प्रतिबद्धता से प्रेरणा लेते हुएकपड़ा मंत्री ने टिकाऊ खिलौने बनाने के लिए अनुसंधान निकायों और खिलौना निर्माताओं को आमंत्रित किया। उन्होंने यह भी सलाह दी कि भारत अपनी अभियांत्रिकी क्षमता के लिए जाना जाता है और हमारे प्रौद्योगिकीविदों को इलेक्ट्रॉनिक खिलौनों के लिए खिलौना क्षेत्र को पर्याप्त और नवीन तकनीकों से सुसज्जित करना चाहिए।

 

श्रीमती ईरानी ने यह भी सुझाव दिया कि शिक्षा मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय निमहंस के सहयोग से बच्चों के न्यूरोलॉजिकल (तंत्रिका सम्बंधी) विकास पर खिलौनों के प्रभाव पर एक शोध पत्र तैयार कर सकते हैंविशेष रूप से उन बच्चों को जो कुछ विकारों से पीड़ित हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए भी कि खिलौनों को एक प्रभावी पद्धति के रूप में उपयोग किया जाता है ताकि उन बच्चों को इन चुनौतियों से बाहर निकालने के लिए मिलनसार समाधान की दिशा में मदद मिल सके।

 

श्रीमती ईरानी ने कहा कि खिलौनों की हमारी विरासत में हस्तशिल्प की छाप है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि टॉयकैथॉन के माध्यम से जो विचार सामने आए हैंउनका हस्तशिल्प क्षेत्र पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।

 

इस अवसर पर अपने सम्बोधन मेंशिक्षा राज्य मंत्रीश्री संजय धोत्रे ने कहा कि भारतीय खिलौना बाजार लगभग 1.5 बिलियन अमरीकी डॉलर का है और वर्तमान में हम विदेशों से एक बड़ा हिस्सा आयात कर रहे हैं। वैश्विक खिलौना बाजार 100 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक होने का अनुमान हैहमें इन क्षेत्रों में अपना हिस्सा बनाये रखने के लिए अपनी रचनात्मकनवीन और विनिर्माण शक्ति को दिशा प्रदान करना चाहिए। यह टॉयकैथॉन हमारे युवा नवोन्मेषी लोगों को दुनिया के लिए भारत में खिलौने बनाने का मार्ग प्रशस्त करने का अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने सुझाव दिया कि खिलौनों के उपयोग से विज्ञान और अन्य विषयों को सीखने में आने वाली परेशानी का बोझ कम हो सकता है।

 

इस अवसर पर कपड़ा मंत्रालय के सचिव श्री यू.पी.सिंह ने कहा कि खिलौना उद्योग के व्यावसायिक पहलू के साथसाथहमारे इतिहास की कला और संस्कृति के बारे में युवा मन में मूल्यों और लोकाचार को विकसित करने के लिए शिक्षाशास्त्र का हिस्सा बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि खिलौना उद्योग में अपार संभावनाएं हैं और टॉयकैथॉन भी खिलौना मेला 2021 का एक अभिन्न अंग है। उन्होंने बताया कि 27 फरवरी 2021 से 04 मार्च 2021 तक वर्चुअल माध्यम से आयोजित इंडिया टॉय फेयर में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 26 खिलौना समूहों के लगभग 1226 प्रदर्शकों ने भाग लिया। 100 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं के साथ 41 ज्ञान सत्र आयोजित किए गए। इस दौरान www.theindiatoyfair.in पोर्टल पर 26 लाख से अधिक पंजीकरण दर्ज किए गए।

 

श्री सिंह ने यह भी कहा कि आज देशविदेश में बदलते परिवेश के अनुरूप खिलौना उद्योग में नवोन्मेष समय की मांग है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि टॉयकैथॉन में प्रस्तुत किए गए विचार खिलौना उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि कपड़ा मंत्रालय 12 स्थानों पर भौतिक रूप से क्षेत्रीय खिलौना मेले की योजना बना रहा है

शिक्षा मंत्रालय में उच्च शिक्षा सचिव श्री अमित खरे ने चिंता व्यक्त की कि आयातित खिलौनों का किफायती मूल्य बहुत अधिक है और यह आत्मनिर्भर भारत के लिए एक बधा है। उन्होंने कहा कि खिलौनों के आयात पर अंकुश लगाने से हमारे कारीगरों के लिए नए अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि 2020 की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 5+3+3+4 प्रणाली की वकालत करती है और यह खिलौनों और खेलों के माध्यम से बच्चों के लिए गतिविधिआधारित सीखने की ज़रूरत पर बल देती हैयहां क्षेत्रीय भारतीय खिलौनों की भूमिका युवा मस्तिष्क को हमारे इतिहास और संस्कृति से जोड़ने में बहुत महत्वपूर्ण है। 

 

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 24 जून को सवेरे 11 बजे टॉयकैथॉन-2021 के प्रतिभागियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत करेंगे।

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    Mohd Aman

    Editor in Chief Approved by Indian Government

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