केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (एमडीओएनईआर) सभी 8 पूर्वोत्तर राज्यों को कोविड-19 की दूसरी लहर से प्रभावीपूर्ण तरीके से लड़ने के लिए सक्रिय सहायता प्रदान कर रहा है।
पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्य सचिवों, स्वास्थ्य सचिवों, योजना सचिवों और केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ कोविड-19 की तैयारियों पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने अवगत कराया कि पूर्वोत्तर राज्यों के अस्पतालों में ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जापान और यूएनडीपी ने 8 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र उपलब्ध कराने के लिए भागीदारी की है। ये संयंत्र पूरे क्षेत्र में 1,300 से ज्यादा हॉस्पिटल बिस्तरों को सहायता प्रदान करेंगे। डॉ. जितेंद्र सिंह ने राज्यों को यह भी आश्वासन दिया कि भारत को प्राप्त विदेशी सहायता में से उन्हें उचित हिस्सा प्रदान किया जाएगा और वे कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पीछे नहीं रहें उसके लिए सभी प्रयास किए जाएंगे।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष 14 स्वास्थ्य एवं कोविड संबंधित परियोजनाओं के लिए वितरित किए गए 369 करोड़ रुपये के कोष द्वारा नए उपकरणों की खरीद सहित स्वास्थ्य अवसंरचना को बढ़ावा देने में बहुत मदद मिली थी और अब सभी राज्य महामारी से लड़ने के लिए बेहतर रूप से तैयार हैं।
इस बात को ध्यान में रखते हुए कि महामारी की दूसरी लहर में प्रत्येक राज्य पहली लहर की तुलना में ज्यादा गंभीर रूप से प्रभावित हो रहे हैं, डॉ. जितेंद्र सिंह ने सभी राज्यों से स्वास्थ्य संबंधी प्रस्तावों को जल्द से जल्द भेजने के लिए कहा और मंत्रालय द्वारा प्राथमिकता के आधार पर उन पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। डॉ. जितेंद्र सिंह ने डोनर मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को पूर्वोत्तर राज्यों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए केंद्र के स्वास्थ्य, रेलवे और अन्य संबंधित मंत्रालयों के साथ समन्वय स्थापित करने के भी निर्देश जारी किए।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि लगभग सभी राज्यों में ऑक्सीजन, वैक्सीन और रेमडेसिवीर जैसी आवश्यक दवाओं की कमी जैसे मुद्दों का समाधान कर लिया गया है और उन्होंने आश्वासन दिया कि इन मामलों को वे व्यक्तिगत रूप से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के सामने उठाएंगे। इसके साथ ही, उन्होंने लोगों से अपील की कि वे ऑक्सीजन और आवश्यक दवाओं की जमाखोरी न करें क्योंकि ‘घबराहट नहीं सावधानी’ ही कोविड से लड़ने का मूल मंत्र है। उन्होंने आम लोगों में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए युवाओं, नागरिक समाज, धार्मिक प्रमुखों और महिला स्वयं सहायता समूहों को शामिल करके महामारी के सामुदायिक प्रबंधन की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि पूरे क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधी अवसंरचना को बढ़ावा देने के लिए एमडीओएनईआर की धनराशि का जिला अस्पतालों, परीक्षण केंद्रों, मोबाइल परीक्षण प्रयोगशालाओं, महत्वपूर्ण उपकरणों और ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना जैसी चीजों में विवेकपूर्ण रूप से उपयोग किया गया है। उन्होंने एनईसी को निर्देश दिया कि वह सभी राज्यों के साथ समन्वय स्थापित करके महामारी से संबंधित मुद्दों पर दैनिक रूप से नजर रखने के लिए निगरानी प्रकोष्ठ का गठन करे और स्थानीय संसाधन एजेंसी के रूप में खुद को स्थापित करे।
इसके अलावा, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ने यह भी याद किया कि पिछले वर्ष लॉकडाउन-1 के शुरुआती दिनों में, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डोनर) ने पहले से ही आवश्यक कदम उठाया और 25 करोड़ रुपये की राशि पूर्वोत्तर राज्यों को निर्गत करने के लिए रखा गया जिससे वे शुरूआती दौर में महामारी से निपट सकें।
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