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रक्षा मंत्रालय

चक्रवाती तूफान ‘यास’ ओडीशा तट से टकराया, भारतीय तटरक्षक के समय रहते किए सुरक्षात्मक उपायों से कई लोगों की जान बची

 

अत्यधिक गंभीर चक्रवाती तूफान ‘यास’ दिनांक 26 मई, 2021 को ओडीशा तट पर बालासोर से लगभग 20 किलोमीटर दक्षिण में टकराया था। भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) द्वारा पूर्वी समुद्र तट और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह पर किए गए व्यापक पूर्व उपायों से जान-माल की रक्षा में सहायता प्राप्त हुई।

समय रहते उठाए गए सुरक्षात्मक कदमों के रूप में आईसीजी ने समुद्र में गई 265 मछली पकड़ने वाली नौकाओं की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की। इसके अलावा, जैसा कि सलाह दी गई है, ओडीशा और पश्चिम बंगाल तट पर लंगरगाह में जहाजों ने सुरक्षित आश्रय लिया था और सिंगल पॉइंट मूरिंग (एसपीएम) संचालन को निलंबित कर दिया गया था। किसी भी व्यापारिक जहाज़ से किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं मिली है।

आईसीजी की सभी तटवर्ती, पानी में स्थित और विमानन इकाइयां तूफान के बाद उत्पन्न होने वाले स्थिति की प्रतिक्रिया के स्वरूप उपायों के लिए पूर्वी समुद्र तट पर तत्परता की तैयारी की सर्वोच्च अवस्था में हैं। संभावित खोजबीन और बचाव अभियानों के लिए समुद्र में रणनीतिक रूप से तैनात तीन आईसीजी जहाज तट के करीब स्थितिजन्य आकलन करने के लिए ओडीशा और पश्चिम बंगाल तट के करीब पहुंच रहे हैं, साथ ही इस क्षेत्र की सफाई भी कर रहे हैं।

पश्चिम बंगाल सरकार के अनुरोध पर आईसीजी ने सहायता के लिए दीघा और कोंतई में अपनी आपदा राहत टीमों (डीआरटी) को तैनात किया है। भारतीय तटरक्षक के एयर कुशन वाहन ने भी पश्चिम बंगाल के नयाचरा में फंसे करीब 100 लोगों को बचाया। बचाव कार्य जारी है। आईसीजी आपदा प्रतिक्रिया दल ने भी कोंताई में स्थानीय लोगों को निकालने में सहायता की। पश्चिम बंगाल और ओडीशा में फुलाई जा सकने वाली नावें, जीवन रक्षक पेटियां तथा जीवन रक्षक जैकेट के साथ अन्य आईसीजी आपदा राहत टीमें भी खड़ी हैं और राज्य प्राधिकारियों द्वारा उठाई गई आवश्यकता के अनुसार तैनात की जा रही हैं। फौरन तैनाती के लिए मेडिकल टीमों और एंबुलेंस को भी स्टैंडबाई पर रखा गया है।

समुद्र में नौकाओं, जहाजों, फिक्स्ड प्लेटफार्मों और अन्य परिसंपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य प्रशासन, स्थानीय प्राधिकरणों, बंदरगाहों, तेल रिग ऑपरेटरों, शिपिंग, मत्स्य पालन प्राधिकरणों, मछुआरा संघों तथा अन्य हितधारकों के साथ करीबी संपर्क एवं समन्वय बनाए रखा जा रहा है।

 

    Mohd Aman

    Editor in Chief Approved by Indian Government

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