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Somebody Should Tell What Is The Mistake Of Arvind Kejriwal, What Is The Crime: Sanjay Singh – कोई यह तो बताए कि अरविंद केजरीवाल की गलती क्या है, गुनाह क्या है : संजय सिंह

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नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) ने एनडीटीवी से कहा कि हमारा अपराध क्‍या है कोई ये तो बताए, अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की गलती क्‍या है, गुनाह क्‍या है. उन्‍होंने कहा कि लोकतंत्र की हत्‍या करने वाले लोग सरकारों को गिराने वाले लोग कभी आपके सामने नहीं मानेंगे कि उन्‍होंने गलती की है. 

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जब से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी, 2013 से, हमको परेशान करने के एक हजार प्रयास किए गए. झूठे आरोप लगाए गए, झूठे मुकदमे किए, झूठी जांचें कराई गईं. आज तक कभी कुछ नहीं निकला. एक सरकार जो एजुकेशन पर, हैल्थ पर, बिजली-पानी के लिए काम कर रही, बुजुर्गों को तीर्थयात्रा पर रही तो आपको सहन नहीं हो रहा. आपने 2015 में मुख्यमंत्री के दफ्तर पर सीबीआई का छापा मारा, कुछ नहीं निकला, सात साल हो गए. आपने डिप्टी सीएम के घर पर सीबीआई का छापा मारा, कुछ नहीं निकला. आपने सत्येंद्र जैने की सर्विसेज के मामले में सीबीआई की तीन साल तक जांच चलाई, बाद में कह दिया कुछ नहीं निकला. 

चालीस-चालीस विधायकों पर एफआईआर की. कहने लगे बहुत बड़े अपराधी हैं, इनको जेल में डालो. बाद में किसी विधायक पर कोई अपराध नहीं निकला, कोर्ट से बरी हुए. एक विधायक सोमनाथ भारती के कुत्ते को पकड़ने के लिए 40 पुलिस वाले आए थे. पूछा क्यों ले जा रहे हो, तो बोले इसका जबड़ा चेक करना है. इतनी दुर्भावना. हमारी सरकार के अधिकार छीनेंगे. हमारा अपराध क्या है कोई यह तो बताए. केजरीवाल की गलती क्या है, गुनाह क्या है?             

अरविंद केजरीवाल के विधानसभा में निचले स्तर की भाषा का इस्तेमाल करने के सवाल पर संजय सिंह ने कहा कि यह (बीजेपी) लोग तो ऐसे-ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं कि उन शब्दों को हम आपके चैनल पर भी नहीं बोल सकते.    

विधानसभा में आबकारी नीति पर चर्चा न होने के सवाल पर संजय सिंह ने कहा कि मसला यदि आबकारी नीति का हो तो मैं जवाब दे दूंगा लेकिन मसला शराब नीति नहीं है. शराब नीति मसला होता तो गुजरात में जहरीली शराब से 100 से ज्यादा लोग मर गए, वहां कोई जांच नहीं हुई. अलीगढ़ में अवैध शराब से 115 लोग मर गए, आदित्यनाथ के शासन में कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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Mohd Aman

Editor in Chief Approved by Indian Government

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