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Supreme Court On Illegal Infiltration, Assam And West Bengal – अवैध घुसपैठ पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्रीय गृह मंत्रालय से मांगा ब्योरा

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अवैध घुसपैठ पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्रीय गृह मंत्रालय से मांगा ब्योरा

अवैध घुसपैठ पर सुप्रीम कोर्ट के सवाल, गृहमंत्रालय को देने होंगे जवाब

असम में नागरिकता कानून संशोधन की धारा 6 A मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की पांच जजों की पीठ ने बड़ा कदम उठाया है.  सुप्रीम कोर्ट ने माना कि असम में अवैध इमीग्रेशन एक बड़ी समस्या है और कहा अवैध इमीग्रेशन से न केवल जनसांख्यिकी बदलती है, बल्कि संसाधनों पर भी बोझ पड़ता है. विभिन्न पहलुओं पर गृह मंत्रालय से मांगा हलफनामा, पूछा 1966 से 1971 के बीच संशोधित कानून से कितने बांग्लादेशियों को भारतीय नागरिकता दी गई. कितने लोग 24 मार्च 1971  के बाद भारत आए. भारत आने के मानदंडों में छूट के लिए असम को ही क्यों चुना गया जबकि पश्चिम बंगाल को  छोड़ दिया गया?  प. बंगाल की सीमा असम से भी बड़े स्तर पर बांग्लादेश के साथ लगती है. विदेशी ट्रिब्यूनल के समक्ष कितने मामले लंबित हैं?  सीमा को सुरक्षित करने, उसे अभेद्य बनाने के लिए क्या कदम उठाए गए? सीमा पर कितनी दूरी तक बाड़ लगाई गई हैं? 

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नागरिकता को लेकर 6A को असम तक सीमित क्यों रखा- SC

CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान बेंच में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से पूछा कि नागरिकता को लेकर 6A को असम तक सीमित क्यों रखा गया जबकि पश्चिम बंगाल राज्य की सीमा असम की तुलना में बांग्लादेश ज्यादा लगी हुई है.  CJI ने पूछा कि क्या सरकार के पास ऐसा कोई डेटा है कि बांग्लादेश से आने वाले लोगों की संख्या पश्चिम बंगाल की अपेक्षा असम में ज्यादा थी?  CJI ने पूछा कि असम में कितने फॉरेन ट्रिब्यूनल है?  उन ट्रिब्यूनल के सामने कितने मामले लंबित है?  

देश की सीमा की सुरक्षा को सुरक्षित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?

केंद्र सरकार को बताना है कि एक जनवरी 1966 से पहले असम आने वाले कितने प्रवासियों को भारत की नागरिकता मिल पाई है?  साथ ही जनवरी 1966 से 1971 के बीच बाग्लादेश से असम आने वाले कितने प्रवासियों को भारत की अभी तक नागरिकता मिल पाई है? वहीं यह भी बताना है कि 25 मार्च 1971 के बाद बांग्लादेश से असम कितने लोग अप्रवासी बन कर आए?  उनको वापस भेजने के लिए सरकार ने अभी तक क्या कदम उठाए?  इसके अलावा CJI ने केंद्र सरकार से पूछा कि देश की सीमा की सुरक्षा को सुरक्षित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?  देश की सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए बोर्डर पर बाड़ लगाने का कितना काम हुआ है? और सरकार ने इसके लिए कितना निवेश किया है?

CJI ने इन सबकी जानकारी केंद्र सरकार को देने को कहा है. केंद्र सरकार की ओर से SG तुषार मेहता ने कहा कि इस बारे में हम एक दो दिन में ही हलफनामा दाखिल कर देंगे.  सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गृहमंत्रालय 11 दिसंबर तक हलफनामा दाखिल करें.

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Mohd Aman

Editor in Chief Approved by Indian Government

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